Shabnam Ali Case: यूपी के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी नरसंहार की दोषी शबनम को अभी फांसी नहीं दी जाएगी। शबनम के अधिवक्ता ने राज्यपाल में दायर की गई दया याचिका उसकी ढाल बन गई है। दरअसल, इस याचिका के दरअसल तक शबनम का डेथ वारंट जारी नहीं किया जा सकता है। जेल प्रशासन द्वारा अमरोहा सेशन कोर्ट भेजी गई याचिका की प्रती के आधार पर आज डेथ वारंट जारी नहीं हो सका है। कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
आपको बता दें कि आजाद भारत में यह पहली बार होगा कि, जब किसी महिला को फांसी पर चढ़ाया जाएगा। अपने ही परिवार के 7 लोगों के मर्डर के दोषी शबनम को फांसी पर लटकाने के लिए यूपी के मथुरा जेल में सारी तैयारियां कर ली गई है। शबनम ने अपनी फांसी को टालने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। आजादी के बाद ऐसा पहली बार है जब किसी महिला कैदी को फांसी पर लटकाया जाएगा।
अमरोहा जिले के बाबनखेड़ी गांव में 14-15 अप्रैल 2008 की रात को शबनम ने अपने प्रेसी के साथ मिलकर अपने ही परिवार के 7 सदस्यों की हत्या कर दी। शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर परिवार के लोगों को कुल्हाड़ी से काट दिया था। जिसके बाद पुलिस ने इस घटना का खुलासा किया था।
पुलिस को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद शबनम पर शक हुआ। इसके बाद शबनम की कॉल डिटेल निकाली गई। कॉल डिटेल से पुलिस को उसके प्रेमी के बार में पता चला। कॉल डिटेल से पता चला कि हत्या वाली रात शबनम की एक ही नंबर पर कई बार बात हुई थी। इसके बाद पुलिस को पता चला की शबनम गर्भवती है। शबनम शादी-शुदा नहीं थी, इसलिए इस हत्याकांड में ये जानकारी बेहद अहम साबित हुई। इसके बाद पुलिस ने शबनम और उसके प्रेमी से कड़ी पूछताछ शुरू की। आखिरकार शबनम टूट गई और उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। शबनम जुलाई 2019 से रामपुर जेल में बंद है।
सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद अब शबनम का फांसी पर लटकना तय हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार, मथुरा जेल में महिला फांसीघर में शबनम की फांसी की तैयारी शुरू हो चुकी है। शबनम के डेथ वारंट जारी होते ही उसे फांसी दे दी जाएगी।