गन्ने का बोझ बड़ा भारी होता है। समय पर सही कीमत न मिले तो किसान की कमर टूट जाती है। पश्चिमी यूपी के बागपत में राजनीति की बात गन्ने के बगैर अधूरी रहेगी। गन्ना यहां महज एक फसल नहीं, बल्कि इस क्षेत्र में राजनीति की महत्वपूर्ण कड़ी है। इलाके की अर्थव्यवस्था भी गन्ने के दम पर चलती है। उत्तर प्रदेश में 35 लाख से ज्यादा गन्ना किसान हैं और 119 से ज्यादा चीनी मिलें है। 11 अप्रैल को पहले चरण के चुनाव में पश्चिमी यूपी की जिन आठ सीटों पर वोटिंग होंगी, उनमें से कम से 6 सीटों पर गन्ना फैक्टर सियासत का रूख तय कर सकता है।
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