इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के बाद अब भारत में रेजिडेंट डॉक्टरों के सबसे बड़े संगठन फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने भी योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ काम शुरू कर दिया है। फोर्डा के आव्हान के बाद विरुद्ध स्वरूप 1 जून यानी की आज काला दिवस मनाया जा रहा है। इसी कारण से 1 जून को दिल्ली को साथ-साथ देश भर में रेजिडेंट डॉक्टर अस्पतालों में काली पट्टी बांधकर इसका विरोध जता रहे हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में भी एम्स, सफदरजंग, आरएमएल अस्पताल, लोकनायक, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ सभी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं। रामदेव के विरुद्ध विरोध जता रहे हैं। फोर्डा व आइएमए ने रामदेव के विरोध में सख्त कार्रवाई की मांग की है। फोर्डा के अध्यक्ष डॉ. मनीष ने कहा है कि “पिछले कुछ दिनों में बाबा रामदेव ने डॉक्टरों व एलोपैथी का मजाक बनाया है। वह भी तब जब पूरा देश कोरोना की महामारी से जूझ रहा है। डाक्टर अपनी जान का परवाह किए बगैर मरीजों के इलाज में जुटे हैं। कई डॉक्टरों ने अपनी जान गंवा दी लेकिन अपने दायित्व से पीछे नहीं हटे।”
दरअसल कुछ दिन पहले रामदेव ने वैक्सीन को लेकर भी अफवाह फैलाई थी। उन्होंने कहा था कि दोनों डोज टीका लेने के बावजूद देश भर में 1000 डॉक्टरों की मौत हो गई है। ये सरासर गलत है। ऐसी कोई बात साबित नहीं हुई है। गलत बयान देकर केंद्र सरकार के vaccination campaign को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। इसी वजह से कोरोना वार्ड में सभी डॉक्टर पीपीई किट के ऊपर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। गैर कोरोना वार्ड में भी डॉक्टर काली पट्टी बांध कर ही काम करने वाले हैं। सभी डाक्टर फेसबुक, ट्विटर के साथ-साथ सभी इंटरनेट मीडिया पर अपनी प्रोफाइल को ब्लैक करेंगे।
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