Srinagar: पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के तिरंगे वाले बयान पर बवाल मच गया है। बीजेपी के 3 कार्यकर्ताओं को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को श्रीनगर के क्लॉक टॉवर पर तिरंगा फहराने की कोशिश के आरोप में हिरासत में लिया है। ये तीनों महबूबा मुफ्ती के तिरंगे वाले बयान के विरोध में कार्यकर्ता कुपवाड़ा जिले से राजधानी श्रीनगर आए थे। तीनों की पहचान मीर बशारत, मीर इश्फाक और अख्तर खान के रूप में की गई है। बशारत कुपवाड़ा से पार्टी के प्रवक्ता हैं। तीनों कार्यकर्ताओं तिरंगा फहराने के लिए सुबह-सुबह लाल चौक पहुंच गए। उन्हें देश को ये सदेंश देना था कि कश्मीर में केवल तिरंगा फहराया जाएगा। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे गुप्कर घोषणा के लिए पीपुल्स अलायंस को संदेश देना चाहते थे कि कश्मीर में केवल तिरंगा फहराया जाएगा। आपको बता दें कि, मुफ्ती ने 14 महीने की हिरासत से रिहा होने के बाद मीडिया से अपनी पहली बातचीत में कहा कि उन्हें चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है जब तक कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल नहीं किया जाता। तबतक वो तिरंगा नहीं उठाएंगी। पीडीपी अध्यक्ष ने अपने सामने एक मेज पर पार्टी का झंडा और पूर्व राज्य का झंडा रखा था। Mehbooba Mufti ने कहा कि राष्ट्रीय तिरंगे के साथ जम्मू-कश्मीर का संबंध तत्कालीन राज्य ध्वज से स्वतंत्र नहीं था। उनहोने कहा कि, कहा "जब यह झंडा हमारे हाथ में आएगा, तो हम उस (भारतीय) झंडे को भी उठाएंगे। भारत जम्मू-कश्मीर की सिर्फ जमीन चाहता है, उसके लोग नहीं। महबूबा ने कहा कि वह Article 370 फिर से लागू होने तक कोई और झंडा नहीं उठाएंगी।” पिछले महीने अगस्त में धारा 370 के हनन के बाद 14 महीने की हिरासत से छूटने के बाद पहली बार पत्रकारों को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा कि वह जम्मू और कश्मीर का झंडा बहाल होने के बाद ही राष्ट्रीय तिरंगा फहराएंगी। अवहेलना के रूप में देखे जाने वाले अधिनियम में, तत्कालीन राज्य के झंडे को प्रमुख रूप से पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के अध्यक्ष के सामने एक टेबल पर रखा गया था, जो कि प्रेसर के दौरान उनकी पार्टी के साथ था। इस खबर के बारे में और अधिक जानने के लिए देखिए ये video…