Devshayani Ekadashi 2025 Date: कब है देवशयनी एकादशी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

29 Jun, 2025
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Devshayani Ekadashi 2025 Date: हर साल आषाढ़ पूर्णिमा को देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। यह व्रत रखना बहुत खास माना जाता है। क्योंकि इस व्रत को रखने और विधि-विधान से पूजा करने से  सभी पापों का नाश होता है। भगवान विष्णु की कृपा और आशीर्वाद भक्त पर बना रहता है। इस एकादशी का महत्व इसलिए भी अधिक माना जाता है क्योंकि भगवान विष्णु को यह व्रत बहुत प्रिय है। इस एकादशी के अगने दिन से भगवान विष्णु 4 महीनों तक पाताल लोक में विश्राम करने चले जाते हैं। भगवान के सोने के कारण ही इस एकादशी का नाम देवशयनी रखा गया है। आइए जानते हैं इस दिन की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

देवशयनी एकादशी की तिथि

  • आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाता है।
  • एकादशी तिथि की शुरुआत - 5 जुलाई 2025 शनिवार शाम 06 बजकर 59 मिनट पर होगी। 
  • एकादशी तिथि का समापन - 06 जुलाई 2025 रविवार की रात 09 बजकर 15 मिनट पर होगी। 
  • देवशयनी एकादशी का व्रत 6 जुलाई को रखा जाएगा। 
  • इस दिन त्रिपुष्कर, साध्य और शुभ नाम के योग बनेंगे।
  • यह योग बहुत शुभ माना जाता है।

देवशयनी एकादशी का महत्व

देवशयनी एकादशी का बहुत महत्व होता है। इसलिए इस दिन व्रत भी थोड़ा खास होता है। इस एकादशी के बाद भगवान विष्णु पताल लोक में चले जाते हैं और चार महीने तक विश्राम करते हैं। इन चार महीनों को चातुर्मास कहा जाता है। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। विवाह, गृह प्रवेश जैसे कार्य करने की मनाही होती है। देवशयनी एकादशी के पीछे एक पौराणिक कथा है। कहा जाता है कि दैत्यों का राजा बलि यज्ञ करके स्वर्ग प्राप्त करना चाहता था। भगवान विष्णु वामन रूप में धरती पर आए तो उन्होंने राजा बलि से तीन पग धरती दान में मांगी। दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य ने राजा बलि को दान का वचन देने से मना किया। लेकिन फिर भी उन्होंने मना कर दिया। भगवान वामन ने अपना स्वरूप विस्तार कर पहले पग में पृथ्वी, दूसरे में आकाश को नाप लिया। तीसरे पग के लिए बलि ने स्वयं को समर्पित करते हुए स्वयं के सिर पर पैर रखने को कहा। भगवान ने बलि को पाताल का राजा बना दिया। राजा बलि ने भगवान वामन से वरदान मांगा कि ‘आप भी मेरे महल में निवास करें। इसके बाद वामन ने चार मास तक उसके महल में रहने का वरदान दिया।
 
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट, लोक मान्यताओं और अन्य माध्यमों से ली गई है। जागरण टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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