Narasimha Jayanti 2024 Date: कब मनाई जाएगी भगवान नरसिंह जयंती, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, कथा, पूजा विधि और महत्व।

12 May, 2024
Pinterest Narasimha Jayanti 2024 Date: कब मनाई जाएगी भगवान नरसिंह जयंती, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, कथा, पूजा विधि और महत्व।

Narasimha Jayanti 2024 Date: भगवान नरसिंह भगवान विष्णु के चौथे अवतार हैं। भगवान नरसिंह का जन्म वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुआ था। इसे नरसिंह जयंती के रूप में मनाया जाता है। भगवान नरसिंह भक्त प्रह्लाद की रक्षा और दैत्य हिरण्यकश्यप का वध करने के लिए प्रकट हुए थे। आइए जानते है भगवान नरसिंह जयंती की तिथि, शुभ मुहूर्त, कथा, पूजा विधि और महत्व।

भगवान नरसिंह जयंती की तिथि और शुभ मुहूर्त 

  • भगवान नरसिंह का जन्म वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुआ था।
  • चतुर्दशी तिथि  का आरंभ- 21 मई 2024  शाम 5 बजकर 39 मिनट से।
  • चतुर्दशी तिथि का समापन- 22 मई 2024 को शाम 6 बजकर 47 मिनट पर।
  • नरसिंह जयन्ती मध्याह्न संकल्प का समय- 10 बजकर 56 मिनट से 13 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।
  • नरसिंह जयन्ती सायंकाल पूजा का समय- 16 बजकर 24 मिनट से 19 बजकर 09 मिनट तक रहेगा।

भगवान नरसिंह की कथा

हिरण्यकश्यप नामक एक दैत्य था जिसने अजेय होने का वरदान प्राप्त कर लिया था। वह अत्यंत घमंडी और क्रूर था और चाहता था कि सभी लोग उसकी पूजा करें। हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद, भगवान विष्णु का भक्त था। हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने के कई प्रयास किए, लेकिन हर बार विफल रहा। अंत में, भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप का वध करने और प्रह्लाद की रक्षा करने का निर्णय लिया। वे उग्र सिंह और मानव के मिश्रित रूप में प्रकट हुए, जिन्हें नरसिंह कहा जाता है। नरसिंह भगवान ने हिरण्यकश्यप को अपनी गोद में लिया और उसे अपने नाखूनों से चीरकर मार डाला।

भगवान नरसिंह जयंती का महत्व

भगवान नरसिंह का अवतार भक्तों की रक्षा करने और अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। हिरण्यकश्यप का वध अहंकार और घमंड के विनाश का प्रतीक है। भगवान नरसिंह का अवतार न्याय और सत्य की स्थापना का प्रतीक है।

भगवान नरसिंह की पूजा विधि 

  • भगवान नरसिंह की पूजा पूरे पुरे विधि विधान से की जाती है।
  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ़ सुथरे वस्त्र धारण करें। 
  • इसके बाद भगवान नरसिंह की मूर्ति या चित्र को गंगाजल से स्नान कराएं।
  • भगवान नरसिंह को चंदन, फूल, और माला से अलंकृत करें।
  • धूप और दीप प्रज्वलित करें।
  •  भगवान नरसिंह को फल, मिठाई, और नैवेद्य अर्पित करें।
  • भगवान नरसिंह के मंत्रों का जाप करें। 
  • भगवान नरसिंह की आरती गाएं।
  • भगवान नरसिंह से अपनी मनोकामना प्रार्थना करें।
  • भगवान नरसिंह को भोग लगाएं।
  • प्रसाद को सभी में वितरित करें।

Related videos

यह भी पढ़ें

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.Accept
BACK