नीतीश कुमार ने करीब 5 साल की दूसरे राउंड की दोस्ती को तोड़कर एक बार फिर से भाजपा को झटका दिया है। वह आरजेडी के पाले में चले गए हैं और महागठबंधन के सीएम के तौर पर आज शपथ लेने वाले हैं। भाजपा के लिए नीतीश कुमार का पालाबदल कुछ मुश्किलें लेकर आया है तो कुछ मौके भी छिपे हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा की सेंट्रल लीडरशिप को काफी समय से अंदाजा हो गया था कि नीतीश कुमार पालाबदल कर सकते हैं, लेकिन उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि ऐसा कुछ ही दिन के अंदर हो जाएगा।
2013 से 2017 के दौर को छोड़ दें तो नीतीश कुमार 1995 के बाद से ही भाजपा के सहयोगी रहे हैं।अब नीतीश कुमार ने आरजेडी का दामन थाम लिया है तो भाजपा के लिए एक अवसर है कि वह अकेले ही आगे बढ़े। लेकिन उसके सामने एक बड़ी मुश्किल होगी कि कैसे सामाजिक समीकरणों को साधा जाए। दरअसल आरजेडी मुस्लिम और यादव वोटों के साथ एक बड़ा बेस रखती है।
नीतीश कुमार का फेस गैर-यादव पिछड़ों को जोड़ने में भाजपा को मदद करता था। अब नीतीश कुमार यदि आरजेडी के साथ हैं तो फिर दोनों दलों का सोशल बेस काफी बड़ा हो जाएगा। ऐसे में भाजपा के आगे चुनौती होगी कि कैसे वह बिहार में सामाजिक समीकरणों को साधती है
Delhi CM Rekha Gupta: Kanwar Committees Will Get Direct Benefit Transfer For Funds Up to ...
Akhilesh Yadav ने UP में महिलाओं के लिए किया बड़ा ऐलान, मिलेंगे 3 ...
Delhi Air Pollution: दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, वायु प्रदूषण से मिलेगा छुटकारा ...
Bengaluru Stampede: बेंगलुरु भगदड़ में मरने वाले बेटे की कब्र से लिपटकर रोया ...